---------- Forwarded message ---------
From: ANKUR MEHTA <ankurmehta42557@gmail.com>
Date: Fri, Oct 5, 2018 at 4:54 AM
Subject: पारिवारिक विवाद सुलझाने के सम्बन्ध में
To: <sharma.sabhajeet@gmail.com>
From: ANKUR MEHTA <ankurmehta42557@gmail.com>
Date: Fri, Oct 5, 2018 at 4:54 AM
Subject: पारिवारिक विवाद सुलझाने के सम्बन्ध में
To: <sharma.sabhajeet@gmail.com>
पूज्य पिता जी ,
सादर प्रणाम !
अत्यंत खेद के साथ मुझे लिखना पड़ रहा है कि आपके द्वारा मुझ पर लगाये गये सभी आरोप झूठे और निराधार हैं ! जिससे मै बहुत आहत हुआ हूँ !
मेरे या मेरे किसी भी परिवरिक सदयस के द्वारा कभी भी कोई मांग नहीं की गई ! जैसा की बार बार अपने अपनी ईमेल में उल्लेख किया है !
हमारे द्वारा २ सितंबर भेजे गए अंतिम व्हाटस एप्प मैसेज के द्वारा आपको सूचना दी जा चुकी है कि बैठक सिर्फ और सिर्फ नैनी में हो पायेगी ! और इसके बारे में मै प्रभुता से भी बात कर चूका हूँ! मेरे घर के दरवाजे हमेशा प्रभुता के लिए खुले है !
और रही बात वैवाहिक रजिस्ट्रेशन की तो यह कार्य तभी पूर्ण हो पायेगा जब प्रभुता अपने घर वापस आ जाएगी !
आपसे अनुरोध है की शीघ अति शीघ आकर इस समस्या को निपटने की कृपा करे !
अंकुर मेहता
-------- Forwarded message ---------
From: ANKUR MEHTA <ankurmehta42557@gmail.com>
Date: Fri, Oct 5, 2018 at 4:54 AM
Subject: पारिवारिक विवाद सुलझाने के सम्बन्ध में
To: <sharma.sabhajeet@gmail.com>
From: ANKUR MEHTA <ankurmehta42557@gmail.com>
Date: Fri, Oct 5, 2018 at 4:54 AM
Subject: पारिवारिक विवाद सुलझाने के सम्बन्ध में
To: <sharma.sabhajeet@gmail.com>
पूज्य पिता जी ,
सादर प्रणाम !
अत्यंत खेद के साथ मुझे लिखना पड़ रहा है कि आपके द्वारा मुझ पर लगाये गये सभी आरोप झूठे और निराधार हैं ! जिससे मै बहुत आहत हुआ हूँ !
मेरे या मेरे किसी भी परिवरिक सदयस के द्वारा कभी भी कोई मांग नहीं की गई ! जैसा की बार बार अपने अपनी ईमेल में उल्लेख किया है !
हमारे द्वारा २ सितंबर भेजे गए अंतिम व्हाटस एप्प मैसेज के द्वारा आपको सूचना दी जा चुकी है कि बैठक सिर्फ और सिर्फ नैनी में हो पायेगी ! और इसके बारे में मै प्रभुता से भी बात कर चूका हूँ! मेरे घर के दरवाजे हमेशा प्रभुता के लिए खुले है !
और रही बात वैवाहिक रजिस्ट्रेशन की तो यह कार्य तभी पूर्ण हो पायेगा जब प्रभुता अपने घर वापस आ जाएगी !
आपसे अनुरोध है की शीघ अति शीघ आकर इस समस्या को निपटने की कृपा करे !
अंकुर मेहता
प्रिय श्री अंकुर जी ,
आपके द्वारा , अपनी सदाशयता की भाषा के साथ , सभी तथ्यों को निराधार
कहना , एवं असत्य घोषित करना , आपके पत्र में उल्लेखित , विषय , से मेल नहीं
खाता है , जिसमें आपने , विशिष्ट रूप से , परिलक्षित करते हुए , " विवाद सुलझाने "
को , पत्र का आधार बनाया है ! आपके अनुसार , यदि कोई तथ्य आधार रूप में ,
उत्पन्न ही नहीं हुए , तो फिर ' नैनी आकर विवाद सुलझाने " की बाध्यता आप ने क्यों
व्यक्त की है ?
, मैंने अपने पत्रों में घटनाओं का हवाला देकर , स्थितियां स्पष्ट की
हैं ,, ! मेरा उद्देश्य ना तो किसी को आहत करने का है , और ना दोषारोपण का
!
जहां तक किसी मांग की बात है , उसका एक आडियो मेरे पास उपलब्ध है , जिसमें
आपने मांग हेतु , धन लेने को उचित बताते हुए , प्रभुता से , मेरे बारे में व्
मेरी पत्नी के बारे में , अपशब्द कहते हुए चर्चा की है ! यदि प्रभुता के माता
पिता , आपके लिए वास्तव में आदर के पात्र हैं , तो उनके लिए , इस तरह के अपशब्द एवं
मांग व्यक्त नहीं होने चाहिए थे !
खेद का विषय है की माह , जुलाई में , आप यद्यपि अपनी माताजी के साथ ,
नैनी आये , किन्तु तब आपने अपने आगमन की हमें सूचना , चर्चा की पहल हेतु नहीं
दिए , बल्कि इसके विपरीत , हमारे द्वारा पूछे जाने पर , आपके पिताजी द्वारा यह
बताया गया की आप नैनी आये ही नहीं है ! दिनांक १६-७-१८ को मैं जब स्वयं , नैनी
गया भी , तब भी आपके परिवार ने इस बाबत कोई चर्चा नहीं की , !
बल्कि दूसरी और , , आप नैनी आने का प्रोग्राम निरंतर टालते रहे ,,और
समयानुसार , विषयान्तर्गत , उल्लेखित, अपने कथित विवाद को , अपने स्तर पर ,
सुलझाने हेतु कभी , गंभीर नहीं हुए !
इन परिस्थितियों , में , तीन माहों से , अपनी पुत्री को , मानसिक व्यथा
झेलते हुए देख कर , और आपके द्वारा निरंतर उसकी अवहेलना को देखते हुए , मैं स्वयं
अत्यंत " आहत " हूँ ,,! आपके द्वारा , एवं आपके परिवार के द्वारा अपनी पुत्री के
प्रति किये गए , , असंगत व्यहार को देख कर मेरा स्वास्थ्य भी निरंतर गिरा है ,
एवं सामाजिक रूप से मैं खुद को आहत महसूस कर रहा हूँ !
उक्त सभी तथ्यों के बाद भी , चूंकि , आपका विवाह मेरी पुत्री के साथ ,
समाज के लोगों के बीच सतना में संपन्न हुआ है , इसलिए , मेरा निवेदन है की आप
अपने माता पिता के साथ , सतना आएं , और शाशन के नियमान्तर्गत , अपने विवाह का
पंजीयन करके , प्रमाणपत्र प्राप्त करें , जो की कानूनन , वरपक्ष का ही दायित्व है
! मुझे विश्वाश है , की आप स्थितियों को समझते हुए , , आपसी विश्वाश , सुरक्षा ,
और दायित्व को पूर्ण करने का कार्य जरूर करेंगे ,, ताकि आपका दामपत्य जीवन सुखमय
हो सके , व् मेरी पुत्री आपके आश्रय में स्वयं को , सुरक्षित महसूस कर सके
!
स्नेहाशीष सहित ,,, दीपावली की मंगल कामनाओं के साथ, , आपके सतना आगमन की
प्रतीक्षा में ,
---सभाजीत
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