प्रिय श्री अंकुर मेहता ,
अत्यंत खेद के साथ मुझे लिखना पड़ रहा है की मेरे द्वारा दिनांक ३० जुलाई
२०१८ को आपको , लिखे गए पत्र के बावजूद , आज दिनांक २९ -९-२०१८ तक , दो माह की
अवधि व्यतीत हो जाने के बाद भी , आप आवश्यक वैवाहिक रजिस्ट्रेशन हेतु ना तो अभी
तक सतना आये , और ना ही , दिल्ली में अपनी पत्नी प्रभुता शर्मा के साथ किये गए
अमानुषिक व्यवहार , के निदान हेतु , तथा , भविष्य में उसे सुरक्षा का
आश्वाशन देने हेतु , सतना आकर , सामाजिक बैठक में आपसी वार्तालाप में सम्मलित हो
कर सदाशय का कोई कदम उठाये ! जबकि आपको सतना बुलाने हेतु , बार बार आपके नैनी
स्थित माता पिता के मोबाइल पर भी कई बार सूचित किया जा चुका है !
, एतदर्थ , हमारे द्वारा , एक सितम्बर के भेजे गए वाट्सअप के अंतिम
मेसेज के अनुसार भी, आपको , अपने
माता पिता के साथ २ सितम्बर को सतना आने हेतु उनके मोबाइल पर , विनम्र निवेदन भी
किया गया !
आपके इस कृत्य से , अपनी पत्नी के प्रति अवहेलना , और उसे पत्नी का
दर्ज़ा प्रदान ना किये जाने की आपकी पूर्व सुनियोजित , मंशा के प्रति मेरा विश्वाश
और दृढ होता जा रहा है ! जैसा की आपको विदित ही होगा , वैवाहिक रजिस्ट्रेशन सिर्फ
सतना में ही संभव है , जिसमें आपको अपने माता पिता के साथ , सक्षम रजिस्ट्रेशन
अधिकारी के समक्ष सतना उपस्थित होना अनिवार्य है ! और उसके बिना , , मेरी बेटी
तथा हमारे सारे परिवार को सामाजिक व मानसिक रूप से , असुरक्षा की भावना के
साथ , निरंतर मानसिक प्रताड़ना का भी शिकार होना पड़ रहा है !
आपसे पुनः एक बार निवेदन है की आप शीघ्रातिशीघ्र , अपने परिवार के
साथ सतना आकर , वैवाहिक रजिस्ट्रेशन का कार्य पूर्ण करवाए , एवं अपने व्यवहार के
कारण उत्पन्न हुए , विवाद को सामाजिक बैठक में बैठ कर सुलझाने का कदम उठायें ताकि
मेरी बेटी प्रभुता शर्मा , पूर्ण आत्मविश्वाश , एवं सुरक्षा की भावना के साथ ,
अपने पैतृक घर से , विदा हो कर , वापिस आपके संरक्षण में , अपने ससुराल जा सके
!
सादर एवं सस्नेह ,
सभाजीत शर्मा ,
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Sun, Sep 30, 2018, 1:10 AM
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प्रिय श्री अंकुर मेहता ,
अत्यंत खेद के साथ मुझे लिखना पड़ रहा है की मेरे द्वारा दिनांक ३० जुलाई २०१८ को आपको , लिखे गए पत्र के बावजूद , आज दिनांक २९ -९-२०१८ तक , दो माह की अवधि व्यतीत हो जाने के बाद भी , आप आवश्यक वैवाहिक रजिस्ट्रेशन हेतु ना तो अभी तक सतना आये , और ना ही , दिल्ली में अपनी पत्नी प्रभुता शर्मा के साथ किये गए अमानुषिक व्यवहार , के निदान हेतु , तथा , भविष्य में उसे सुरक्षा का आश्वाशन देने हेतु , सतना आकर , सामाजिक बैठक में आपसी वार्तालाप में सम्मलित हो कर सदाशय का कोई कदम उठाये ! जबकि आपको सतना बुलाने हेतु , बार बार आपके नैनी स्थित माता पिता के मोबाइल पर भी कई बार सूचित किया जा चुका है !
, एतदर्थ , हमारे द्वारा , एक सितम्बर के भेजे गए वाट्सअप के अंतिम मेसेज के अनुसार भी, आपको , अपने माता पिता के साथ २ सितम्बर को सतना आने हेतु उनके मोबाइल पर , विनम्र निवेदन भी किया गया !
आपके इस कृत्य से , अपनी पत्नी के प्रति अवहेलना , और उसे पत्नी का दर्ज़ा प्रदान ना किये जाने की आपकी पूर्व सुनियोजित , मंशा के प्रति मेरा विश्वाश और दृढ होता जा रहा है ! जैसा की आपको विदित ही होगा , वैवाहिक रजिस्ट्रेशन सिर्फ सतना में ही संभव है , जिसमें आपको अपने माता पिता के साथ , सक्षम रजिस्ट्रेशन अधिकारी के समक्ष सतना उपस्थित होना अनिवार्य है ! और उसके बिना , , मेरी बेटी तथा हमारे सारे परिवार को सामाजिक व मानसिक रूप से , असुरक्षा की भावना के साथ , निरंतर मानसिक प्रताड़ना का भी शिकार होना पड़ रहा है !
आपसे पुनः एक बार निवेदन है की आप शीघ्रातिशीघ्र , अपने परिवार के साथ सतना आकर , वैवाहिक रजिस्ट्रेशन का कार्य पूर्ण करवाए , एवं अपने व्यवहार के कारण उत्पन्न हुए , विवाद को सामाजिक बैठक में बैठ कर सुलझाने का कदम उठायें ताकि मेरी बेटी प्रभुता शर्मा , पूर्ण आत्मविश्वाश , एवं सुरक्षा की भावना के साथ , अपने पैतृक घर से , विदा हो कर , वापिस आपके संरक्षण में , अपने ससुराल जा सके !
सादर एवं सस्नेह ,
सभाजीत शर्मा ,
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