सोमवार, 1 जुलाई 2019

 प्रिय श्री अंकुर मेहता , 

    अत्यंत खेद के साथ मुझे लिखना पड़ रहा है की मेरे द्वारा  दिनांक ३० जुलाई २०१८ को आपको ,  लिखे गए  पत्र के बावजूद  , आज दिनांक २९ -९-२०१८ तक , दो माह की अवधि व्यतीत हो जाने के बाद भी , आप  आवश्यक  वैवाहिक रजिस्ट्रेशन हेतु ना तो अभी तक   सतना आये , और ना ही ,  दिल्ली में अपनी पत्नी प्रभुता शर्मा  के साथ  किये गए अमानुषिक  व्यवहार ,    के निदान हेतु ,  तथा ,  भविष्य में उसे सुरक्षा  का   आश्वाशन देने  हेतु , सतना आकर , सामाजिक बैठक में आपसी वार्तालाप में  सम्मलित  हो कर   सदाशय  का  कोई कदम उठाये ! जबकि आपको सतना बुलाने हेतु , बार बार आपके नैनी स्थित माता पिता के मोबाइल पर भी  कई बार सूचित किया जा चुका है !
   , एतदर्थ ,   हमारे द्वारा , एक सितम्बर के    भेजे  गए वाट्सअप के अंतिम  मेसेज के अनुसार  भी,  आपको , अपने माता पिता के साथ २ सितम्बर को सतना आने हेतु उनके मोबाइल पर ,  विनम्र  निवेदन भी किया गया  !  
      आपके इस कृत्य से , अपनी पत्नी के प्रति अवहेलना , और उसे पत्नी का दर्ज़ा प्रदान ना किये जाने की आपकी पूर्व  सुनियोजित , मंशा के प्रति मेरा विश्वाश और दृढ होता जा रहा है ! जैसा की आपको विदित ही होगा , वैवाहिक रजिस्ट्रेशन सिर्फ सतना में ही संभव है ,  जिसमें आपको अपने माता पिता  के साथ , सक्षम  रजिस्ट्रेशन अधिकारी के समक्ष सतना  उपस्थित होना अनिवार्य है !  और उसके  बिना ,   , मेरी बेटी तथा हमारे  सारे  परिवार को  सामाजिक   व मानसिक रूप से ,    असुरक्षा की भावना  के  साथ   , निरंतर   मानसिक प्रताड़ना का  भी  शिकार होना पड़ रहा है !

        आपसे  पुनः एक बार निवेदन है की आप  शीघ्रातिशीघ्र  , अपने परिवार के साथ सतना आकर , वैवाहिक रजिस्ट्रेशन का कार्य पूर्ण करवाए , एवं  अपने   व्यवहार के कारण उत्पन्न हुए , विवाद को  सामाजिक बैठक में बैठ कर सुलझाने का कदम उठायें ताकि मेरी बेटी  प्रभुता शर्मा , पूर्ण आत्मविश्वाश , एवं सुरक्षा की भावना के साथ ,  अपने पैतृक घर से ,   विदा हो कर , वापिस  आपके संरक्षण में ,  अपने ससुराल जा सके ! 

   
    सादर  एवं सस्नेह , 

      सभाजीत शर्मा  ,

SABHAJEET1 sharma.sabhajeet@gmail.com

Sun, Sep 30, 2018, 1:10 AM
to ANKUR
 प्रिय श्री अंकुर मेहता , 

    अत्यंत खेद के साथ मुझे लिखना पड़ रहा है की मेरे द्वारा  दिनांक ३० जुलाई २०१८ को आपको ,  लिखे गए  पत्र के बावजूद  , आज दिनांक २९ -९-२०१८ तक , दो माह की अवधि व्यतीत हो जाने के बाद भी , आप  आवश्यक  वैवाहिक रजिस्ट्रेशन हेतु ना तो अभी तक   सतना आये , और ना ही ,  दिल्ली में अपनी पत्नी प्रभुता शर्मा  के साथ  किये गए अमानुषिक  व्यवहार ,    के निदान हेतु ,  तथा ,  भविष्य में उसे सुरक्षा  का   आश्वाशन देने  हेतु , सतना आकर , सामाजिक बैठक में आपसी वार्तालाप में  सम्मलित  हो कर   सदाशय  का  कोई कदम उठाये ! जबकि आपको सतना बुलाने हेतु , बार बार आपके नैनी स्थित माता पिता के मोबाइल पर भी  कई बार सूचित किया जा चुका है !
   , एतदर्थ ,   हमारे द्वारा , एक सितम्बर के    भेजे  गए वाट्सअप के अंतिम  मेसेज के अनुसार  भी,  आपको , अपने माता पिता के साथ २ सितम्बर को सतना आने हेतु उनके मोबाइल पर ,  विनम्र  निवेदन भी किया गया  !  
      आपके इस कृत्य से , अपनी पत्नी के प्रति अवहेलना , और उसे पत्नी का दर्ज़ा प्रदान ना किये जाने की आपकी पूर्व  सुनियोजित , मंशा के प्रति मेरा विश्वाश और दृढ होता जा रहा है ! जैसा की आपको विदित ही होगा , वैवाहिक रजिस्ट्रेशन सिर्फ सतना में ही संभव है ,  जिसमें आपको अपने माता पिता  के साथ , सक्षम  रजिस्ट्रेशन अधिकारी के समक्ष सतना  उपस्थित होना अनिवार्य है !  और उसके  बिना ,   , मेरी बेटी तथा हमारे  सारे  परिवार को  सामाजिक   व मानसिक रूप से ,    असुरक्षा की भावना  के  साथ   , निरंतर   मानसिक प्रताड़ना का  भी  शिकार होना पड़ रहा है !

        आपसे  पुनः एक बार निवेदन है की आप  शीघ्रातिशीघ्र  , अपने परिवार के साथ सतना आकर , वैवाहिक रजिस्ट्रेशन का कार्य पूर्ण करवाए , एवं  अपने   व्यवहार के कारण उत्पन्न हुए , विवाद को  सामाजिक बैठक में बैठ कर सुलझाने का कदम उठायें ताकि मेरी बेटी  प्रभुता शर्मा , पूर्ण आत्मविश्वाश , एवं सुरक्षा की भावना के साथ ,  अपने पैतृक घर से ,   विदा हो कर , वापिस  आपके संरक्षण में ,  अपने ससुराल जा सके ! 

   
    सादर  एवं सस्नेह , 

      सभाजीत शर्मा  ,



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