सोमवार, 1 अक्तूबर 2012

gaandhi

एक दिन के जलसों में , अब सिमिट कर रह गए गाँधी ॥,
औपचारिक लेखों के , हो गए है विषय गाँधी ॥!!

राजनेतिक  फकीरी , ' झंडे' बनी   दरगाहों की ,
रस्मे सालाना उर्स की  ' कव्वाली '  बन गए गाँधी ॥

राम् धुन खादी और चरखा , चला कर रुखसत करें ,
एक दिन के सरकारी मेहमान हो गए गाँधी ॥

साल कुछ ही बीते है , उस शख्श को बिछुडे हुए ,
पाठ्य पुस्तक के किताबी ज्ञान हो गए गाँधी ॥

शाहरुख़, सलमान, आमिर ,विपाशा चर्चा में है ,
पीढियों के लिए तो अनजान हो गए गाँधी ॥

आचरण दूषित , पढाएं 'मुन्ना भाई गांधीगिरी ,
बाक्स ऑफिस के उछल कर हो गए प्रतिमान गाँधी ॥

हुकूमत से लड़े  जो निर्बल की खातिर उम्र भर ,
खानदानी हुकूमत के ही , हो गए पहचान गाँधी ॥

 कुर्सियों पर जमने खातिर, बटोरती  जनता के वोट ,
राजनेतिक पार्टियों के बन गए है ब्रांड गाँधी ॥
......,
 तब वो गाँधी कौन था , जिसको की हमने ' बापू' कहा ?
कौन था वह शख्श , जो आदर्श बन दिल में रहा ?
कौन थी वह शख्शियत जिस पर विदेशी मुग्ध है ??
अहिसा का पुजारी वो कौन गौतम बुद्ध है ??

किसके अनुयायी अभी है , चीन तिब्बत जापान में ,
कौन वह जिसके की आगे सर झुके सम्मान में ??
कौन वो ओबामा का इष्ट ? कौन लूथर किंग है ? ,
कौन है वह गाँधी जिस से , बेन किंग्सले दंग है ??

कौन वह शान्ति का पुजारी , कौन जन मन शक्ति है ?
कौन सिद्धांतों का महात्मा , कौन सत्ता विरक्त है ??
कौन है ख़ुद आचरण और कौन ख़ुद विचार है ,
कौन है वह सनातन जो हर जगह पर व्याप्त है ??


मिटटी कीचड़ से सना गाँधी , एक दिन फ़िर आएगा ,
आडम्बरी जन प्रतिनिधियों , तब तुम्हे न कोई बचायेगा ॥

.....सभाजीत  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें