शनिवार, 9 सितंबर 2017





  **** " सबूत " *****

   वह एक लम्बी टाटा सफारी गाड़ी के सामने तनी हुई खड़ी थी ! वह ट्रेफिक पुलिस की वर्दी में थी और साथ में थे दो , डंडा धारी सिपाही !
  वह बार बार हाथ में लिया हुआ एक नोटिस लहरा रही थी ,,,और गाड़ी का मालिक   अपनी  गाड़ी के   डोर पर अड़ा हुआ उसे घूर रहा था ! गाड़ी का मालिक बार बार उसे कह रहा था --- ' मेडम आप मुझे जानती नहीं है ,,इसलिए ये बत्तमीज़ी कर रही हैं ,,!  आज तक किसी ट्रेफिक इन्स्पेक्टर की हिम्मत नहीं हुई  जो वह हमारी गाड़ी का चालान काट देता  ! आप नयी हैं इसलिए मैं आपको माफ़ कर रहा हूँ ,,! "

   लड़की ने कहा , ... ' मुझे फर्क नहीं पड़ता की मैं नयी हूँ या पुरानी  " आपने अपनी गाड़ी पार्किंग लाइन के बाहर रोड पर खड़ी  है ,,नियम के अनुसार यह , अपराध है , और इस पर आपका यह चालान मेने काटा है   आप चाहें तो अभी भुगतान करदें या फिर कल हमारे दफ्तर में आकर भुगतान करदें ,,,!  यदि भुगतान नहीं किया तो हम आपकी गाड़ी सीज़ करवा  लेंगे   !"

   इस बीच कुछ तमाशाइयों की भीड़ वहां जुड़ने लगी !  कुछ संभ्रांत लोग भी आ गए !

   एकत्रित लोगों में कुछ लोग दांत निकालते हुए  गाड़ी मालिक की तरफदारी करने लगे ,,!  वे उस लड़की से बोले ,,
   
        "  हद हो गयी ,,! आप गाड़ी पर लगा पार्टी का झंडा नहीं देख रहीं ,,?   ये शहर के बड़े नेताजी की गाड़ी है ,,,कम से कम इसे तो बख्श दो ,, आज अगर पैसा उगाना ही है तो किसी और चौराहे पर खड़ी हो जाओ ,,,लगता है आपका टारगेट पूरा नहीं हुआ इसलिए आप अड़ गयीं हैं ! "

    लड़की की आवाज़ तल्ख़ हो गयी ,,,वह बोली ,," आप अपनी राय अपने पास रखो ,,!  यह सरकारी मामला है ,,,इसमें दखल डालने पर आप पर भी कार्यवाही हो जाएगी ,,समझे ,,! "

    राय देने वाला व्यक्ति कुछ कहता इससे पहले ही भीड़ को हटाता हुआ एक स्थूल शरीर का युवा नेता आगे आगया ,,,! उसने गाड़ी मालिक से पूछा -- " क्या हुआ भैया " ?

   गाड़ी मालिक ने  लापरवाही से उस पर निगाह डाली ,,,और बोला ,,"  अरे कुछ नहीं ,,,नयी नयी   नौकरी है ,,,वर्दी का रौब दिखा रही हमें ! "  वह स्थूल काय युवा उस लड़की की और मुखातिब हो कर कहने लगा ,,,___

      " मालुम नहीं की यह विधायकजी के भतीजे है ,,,मुन्ना बाबू ,,! पूरा शहर इन्हे जानता है  और आप इन्ही से पंगा ले रही हैं ,,, आप इन्हे जाने दीजिये ,,,इस पी साहब आपको इन्हे चालान देने पर कोई तमगा नहीं दे देंगे ,,बल्कि आपकी नौकरी खतरे में पड़ जाएगी  समझीं ,,"

   मुझे यह जान कर क्या करना है की कौन किसका रिश्तेदार है या कौन नहीं ,,! " ---- लड़की ने तल्खी से जबाब दिया ,,, आप सब खुद देख लें की यह गाड़ी साइड की पटरी पर बनी सफ़ेद पार्किंग लाइन के  बहुत बाहर रोड पर खड़ी है ,,,अभी बहुत सी गाड़ियों का रेला यहाँ फंस गया था जब ये गाड़ी लॉक करके शॉपिंग करने गए थे ,,"

     अब कुछ सभ्रांत लीग नहीं बीच में कूदने लगे ,,!  बोले ---- क्या विधायकों के रिश्तेदारों के लिए कोई अलग से ट्रेफिक नियम बने हैं ,,?? हम सबने भी तो अपनी गाड़ियां यहां पार्क की थी ,,लेकिन सब सफ़ेद लाइन के अंदर थी  ,,! "

  गाड़ी मालिक ने उन लोगों को घूर कर कहा --" आप लोग चुप रहें ज्यादा नेतागिरी ना करें ,,, पुलिस रोज शरीफ आदमियों को ट्रेफिक के नाम पर परेशान करती है ,,,लेकिन जब उन्हें अपने अफसर के लिए पैसे की जरुरत पड़ती है तो वे ' वसूली ' में उतर आते हैं ,,मैंने तो यही देखने के लिए जानबूझ कर गाड़ी रास्ते में खड़ी की है ,,देखें कौन मुझसे पैसा वसूलता है ,,? "!

   सभ्रांत लोगों में से एक बुजुर्ग ने आपत्ति की ,,,--" लेकिन आप सरेआम गाड़ी सड़क के बीच खड़ी किये हैं ,,,और फ़ालतू बातें कर रहे हैं ,,?   आपको चालान की राशि जमा करने में क्या आपत्ति है ,,?? "

    स्थूलकाय युवा नेता बोला ,,,--"ऐ ययय   चाचा ,,, अपने काम से काम रखो    अब यह इज्जत का सवाल है ,,,भैया जी आप गाड़ी चालु करो  ,,, आगे बढ़ाओ देखते हैं कौन रोकता है ,,??

     लड़की गाड़ी के सामने  जम  कर खड़ी हो गयी ! वह हिलने का नाम भी नहीं ले रही थी ! पता नहीं किस मोरल वेल्यू से प्रभावित हो कर उसके साथ के सिपाहियों ने भी डंडे सम्हाल लिए !

   तभी कार का शीशा  नीचे  हुआ  और  कार के अंदर बैठी  एक वृद्धा महिला ने झाँक कर  पूछा --" क्या बात है मुन्ना ,,,क्यों रार बढ़ा रहे हो ,,?? "

   गाड़ी  मालिक ने कार में बैठी मां को समझाते हुआ कहा। ."कुछ नहीं ,,,कार का  ऐo  सीo   चालु है ,,आप आराम से बैठो ,,थोड़ी देर में  चल रहे  हैं ,,! "

    स्थूल काय युवा नेता ने कहा ---' भैयाजी आपसे कहा ना आप कार में बैठ कर कार आगे बढ़ाओ ,,, आपको कोई नहीं  रोकेगा  !  मैं डी एस पी साहब को फोन करता हूँ !  "

    गाड़ी मालिक कार में बैठ गया ,,, लड़की कार के सामने अपने सिपाहियों के साथ खड़ी रही ,, गाड़ी मालिक ने कार को झटके के साथ,, बैक,, किया ,,लोग हट गए ,,,फिर गाड़ी मालिक ने कार को थोड़ा साइड करके  सफ़ेद लाइन के अंदर कर  दिया  ! दरवाज़ा खोल कर वह फिर बाहर आया और बोला ---" राजू,,,,अब  बुलाओ डी एस पी साहब को ,,इन्हे इनका आयना दिखा दूँ ,!

   ज्यादा देर नहीं लगी ,,,डी एस पी साहब की पीली बत्ती वाली गाड़ी वहां उपस्थित हो गई !  वर्दी वाली लड़की ने आगे बढ़ कर अपने अफसर को सेल्यूट किया  ,! अफसर ने गुर्राई आवाज़ में पूछा ,,--" क्या बात है इंपेक्टर प्रीती ' सड़क पर क्यों मज़मा लगाए खड़ी हो ,,??

    लड़की कुछ जबाब देती उससे पहले ही गाड़ी मालिक बोल उठा ,,__' नमस्कार डी एस पी साहब ,,!  ये आपने कैसे कैसे इंस्पेक्टरों को भर्ती करवा   लिया  डिपार्टमेंट में ,,??

    दी एस पी ने गाड़ी मालिक को देखा और  कूद कर बाहर आगया ,,, बोला ,," अरे  मुन्ना  जी ,,आपने फोन पर याद  किया था हमें क्या परेशानी हो गयी आप  को हुकुम करें ,,! "

    गाड़ी मालिक ने आँखे तरेरते हुए कहा ---  आप खुद देख  लें ,,मेरी गाड़ी पार्किंग लाइन के अंदर खड़ी है ,,,मेरी माताजी बीमार हैं ,, यहाँ कुछ शॉपिंग के लिए दवाइयां लेने आया तो आपकी इन  इन्स्पेक्टर साहिबा ने मेरे ही गाड़ी का चालान काट दिया ,,,,और पैसे मांगने लगीं ,,  अरे आप लोगों को कभी जरुरत हो तो हमें ही सीधे आदेश दे दिया करें ,,, ये चालान से वसूली का नाटक क्यों करते हैं ,,!
! "

   लड़की बिफर गयी  बोली --"  झूठ बोल रहे हैं ये सर ,,! ,,इन्होने अभी अभी यही गाड़ी बेक करके पार्किंग लाइन के अंदर की है ,,! "

    " भाई सत्यवादी हरिश्चंद्र तो पुलिस में ही होते है ,, सबूत सामने है ,,,गाड़ी कहाँ खड़ी है  दिख रही है  ,,,फिर भी अड़े बैठे हैं ,,, पैसे जो चाहिए इन्हे ,,! " ... गाड़ी मालिक का चमचा नेता राजू बोला ,,!!

  ,,,"  आप चाहें तो भीड़ में खड़े इन लोगों से पूछ लें ,,, ये बताएँगे आपको ,,! " --- लड़की ने प्रतिवाद किया ,,!
      डी एस पी ने  इन्स्पेक्टर को डांटते हुए कहा ,,," क्या मुझे नहीं दिख रहा की गाड़ी कहाँ खड़ी है ,,,जो और लोगों से पूछूं ,,? यह  नोटिस केंसिल करो , मुन्ना भैया को जाने दो ,," "

     अब लड़की जान की परवाह किये बिना अड़  गयी ,,,"  मेरे पास सबूत है सर ,,,ये देखिये ,,,मेरे मोबाइल में फोटो है ,,,गाड़ी इन्होने पहले जहाँ खड़ी थी वह साफ़ साफ़ दिख रहा है ,,! "

      ,,," अरे छोडो मोबाइल ,,,और फोटो ,,,अदालतें सबूत में गवाह मांगती हैं मिस प्रीती ,,बेकार की जिद ना करो  मुन्ना बाबू को जाने दो ,,! "

     इन्स्पेक्टर रुआंसी हो गयी ,,,बोली ,,,' सर,,,,! मेरे सिपाही ने वह वीडियो  भी  बनाया है जिसमें ये गाड़ी बेक  कर के गाड़ी को पार्किंग लाइन के अंदर कर रहे हैं ,,, ,,,पूरी भीड़ खड़ी है ,,! "

     '  कौन सी भीड़ ,,?? "--- राजू हंसने लगा ,,! ,,,वह भीड़ की और मुखातिब हो कर  बोला --- ' क्यों भाइयो  ,,?? आप लोग जाएंगे अदालत में गवाही देने ,,??
 
    पल भर में भीड़ खिसकने लगी ,.,,!   गाड़ी  मालिक विजेता की मुद्रा में प्रीती को देखने लगा ,,, बोला     "   डी एस पी साहब ,,,ऐसे अफसरों को पब्लिक ड्यूटी में क्यों लगाते हैं ,,,जिन्हे  समझने बुझने की तमीज नहीं ,,,वो तो में हूँ ,,कोई और होता तो इतनी देर में बलवा हो जाता ! "

   "  आप फ़िक्र ना करें मुन्ना भाई ,,,में प्रीती को पब्लिकडयुटी से हटा कर आफिस अटैच कर दूंगा ,,, आखिर हमारा भी तो फ़र्ज़ है ,,, पब्लिक के साथ ' ना इंसाफ़ी ' ना हो ,,! "


     प्रीती ने एक बार फिर कोशिश की ,,," लेकिन सर  ये फोटो , ये वीडियो झूठे नहीं है ,,,ये पूरा सबूत हैं ,,, इन्होने नियम तोड़े हैं ,,! "

    अब डी एस पी साहब का पारा चढ़ गया ,,,"  शट अप ,,,!! तुम हमीं से जबान लड़ा रही हो ,,, ? ये सबूत किस काम के ,,जब कोर्ट पूछेगा ,,,है कोई ' चश्मदीद गवाह " ,,??

,,,, तभी कार की खिड़की खुली ,,! कार में बैठी वृद्धा बाहर निकली ,,-- बोली --" हाँ में हूँ चश्मदीद गवाह
   मेरा बेटा झूठ बोल रहा है डी एस पी साहब ,,, इसने कार गलत खड़ी की थी ,,,और उस लड़की ने सही चालान काटा ,,! "

    महिला को देखते ही डी एस पी ने आदर से  महिला को प्रणाम किया ,,,,!   बोले ''' अरे आप इतनी देर से अंदर बैठी सब देख रहीं है भाभी जी  ,,,लेकिन चुपचाप बैठी रहीं ,," ,,!

   "  हाँ में सब देख रही थी सब सुन रही थी ,,,देख रही थी की मुन्ना कब तक अपनी औकात की धौंस दिखाता है ,,",,!

       गाड़ी मालिक अचकचा गया ,,,कुछ बोलने को हुआ की  वह वृद्धा फिर बोल उठी ,,, " तेरे पिता  फ्रीडम फाइटर थे ,,, उन्होंने  लाठियां   झेली  जेल गए ,,,लेकिन झूठ कभी नहीं बोले ,,,!  यही कारण है की उनके मरने के बाद उनके सबसे छोटे भाई को जनता ने उनकी साख पर विधायक बनाया !  आज तू उस विधायकी की धौंस उसे दिखा रहा है जो कानून की हिफाजत में लगी है ,,? लानत है तुम पर ,,,कोई नहीं देगा तो में दूंगी गवाही कोर्ट में बेटी ,,,तुम वह चालान इस कार पर चिपकाओ ,,,देखें कौन तुम्हे रोकता है ,,? "

    अब बचे खुचे लोगों में सन्नाटा खिच गया    जैसे  सब को सांप सूंघ   गया  हो ,,!

    गाड़ी  मालिक   पर  तो जैसे घड़ों पानी फिर गया था !    उसने चुपचाप बटुआ खोला चालान के पांच सोउ रूपये निकाले    और सर झुका कर बोला ,,"" आय एम् सारी  प्रीतीजी ,,!  आप यह रसीद काटें ,,,अब इसके बाद ऐसे गलती में कभी नहीं करूंगा ,,!!


,,,,,,, सभाजीत शर्मा
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